आरोप है कि 25 अप्रैल को शासन और निगम स्तर पर आंदोलन नोटिस पर सकारात्मक वार्ता हुई थी। इसके बाद से आज तक कोई सरकारी आदेश नहीं आया है।
27 की रात 11 बजे से रोडवेज कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर चक्काजाम की चेतावनी दी है। इस विषय पर मंगलवार को उत्तराखंड परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की बैठक बुलाई गई है। मोर्चे का कहना है कि पूर्व की निरंतर सहमति के बावजूद उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
11 सितंबर को, मोर्चा ने परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक को आंदोलन की सूचना दी। मोर्चे के संयोजक अशोक चौधरी, दिनेश पंत, रविनंदन कुमार और राम किशुन राम ने कहा कि छह अप्रैल को आंदोलन नोटिस पर 25 अप्रैल को शासन और निगम स्तर पर वार्ता सकारात्मक हुई थी।
इसके बाद से आज तक कोई सरकारी आदेश नहीं आया है। जुलाई में दोबारा द्विपक्षीय वार्ता के बाद उम्मीदें व्यक्त की गईं, लेकिन कोई प्रगति नहीं हुई। मंगलवार को बैठक में चक्काजाम का तरीका निर्धारित किया जाएगा। परिवहन निगम के सभी संवर्ग के कर्मचारी इस आंदोलन में भाग लेंगे।
इन मांगों का पूरा होना
– अप्रैल में मृतक आश्रितों को निगम में नियमित सेवा देने की सहमति हुई, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
– आज तक, आउटसोर्स विशेष श्रेणी चालक-परिचालक को सेवानिवृत्ति या मृत्यु पर दो लाख रुपये की ग्रेच्युटी नहीं दी गई है।
– पांच ई-बस अभी भी चल रहे हैं, अवैध बसों को रोकने के लिए पुलिस-परिवहन की संयुक्त टीम ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
– एसीपी सभी कर्मचारियों को मिलेगा, खासकर तकनीकी कर्मचारियों को।
– परिवहन निगम ISBT का मालिक होगा।
– निगम 600 नई बसें खरीदता है और नए अनुबंधित बसों पर रोक लगाता है।
-संविदा परिचालकों को सुनवाई का मौका दिए बिना सेवा को समाप्त करना।
– सभी विभागों में खाली पदों पर तत्काल पदोन्नति दी जाए।
– ऑनलाइन वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि को समान बनाया जाए।
– आउटसोर्स और विशेष श्रेणी चालक-परिचालक के लिए अलग-अलग सेवा नियमावली बनाई जाएं।
-जनवरी से सितंबर 2017 तक सातवां वेतनमान एरियर भुगतान किया जाएगा।
-आउटसोर्स एजेंसी की अनियमितता पर मुकदमा दर्ज कराया जाए।