देहरादून (संवाददाता) : लाकडाउन, क्वारंटाइन, के दौरान सामाजिक संस्थाए और आर्थिक संपंन लोग मदद के लिए खुल कर सामने आए और बड़े उद्ममियों ने धन से देश को कमजोर नहीं होने दिया। सरकार ने पुलिस की मदद ली और पुलिस अपना फर्ज निभा रही है। इसके अलावा कर्मचारियों ने इच्छा से वेतन कटवा दिया लेकिन जिस से डीए के साथ सरकारी कर्मचारियों की सरकार अपने आप दो दिन का वेतन काट रही है। उसका कर्मचारी संगठन विरोध करने लगे हैं। संगठनों का कहना है कि सरकार जबरदस्ती वसूली पर उतर आई है और अब कोरोना की आड में दूसरा खेल चल रहा है। गुस्सा बढ़ रहा है। ये भी कहना है पूरा बहुमत होने के बाद भी प्रदेश में नेतृत्व बेहद कमजोर है। रात को नौ जिले खोलने की बात की जाती है और सुबह निर्णय बदल दिया जाता है। बहरहाल कर्मचारियों का यह गुस्सा आंतरिक है बाहर फूटा नहीं है लेकिन यह अब आम जर्चाओं में शामिल होने लगा है कि सरकार इतना धन अलग से पीएम राहत कोष में क्यों जमा कर रही है।
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