नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच पेचीदा रिश्ते पिछले कुछ सालों में और भी तल्ख हुए हैं। दो साल यानी 1 जनवरी 2014 से 31 दिसंबर 2015 के बीच जितने भी पाकिस्तानी नागरिकों को विभिन्न श्रेणियों में भारत का वीजा दिया गया था, उनमें के 28 फ ीसद इसके खत्म होने के बाद भी अवैध रूप से भारत में रुके रहे। यह आंकड़े केंद्र सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में सबके सामने रखे। कुल संख्या की बात करें तो 48,510 पाकिस्तानी नागरिक जो पिछले दो साल में वीजा खत्म होने के बाद भी भारत में रुके रहे, उनमें से 25 फीसद यानी 12,200 को साल 2015 के अंत में जबरन स्वदेश भेजा गया। राज्यसभा में तारांकित प्रश्न के जवाब में केंद्रीय गृहराज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि 36,310 पाकिस्तानी नागरिक अब भी ऐसे हैं, जिनका वीजा खत्म हो गया है और वे अब भी भारत में रह रहे हैं। साल 2014 में भारत ने 94,993 पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा जारी किया, जबकि 2015 में यह संख्या घटकर 77,543 रह गई। दूसरी तरफ रिजिजू ने बताया कि साल 2014 में 6,52,919 बांग्लादेशी नागरिकों को वीजा जारी किया गया था, जबकि साल 2015 में 7,51,044 बांग्लादेशियों को वीजा जारी किए गए। उन्होंने बताया कि 1 जनवरी 2014 से 31 दिसंबर 2014 के बीच 20,870 बांग्लादेशी नागरिक वीजा खत्म होने के बाद भी गैरकानूनी तरीके से भारत में रुके। इस दौरान 8387 बांग्लादेशियों को वापस उनके देश भेजा गया। रिजिजू ने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां वीजा खत्म होने के बाद भी गैरकानूनी तरीके से भारत में रह रहे विदेशी नागरिकों पर नजर बनाए रखती हैं। ऐसे मामले जहां वीजा खत्म होने के बाद भी रुकना बिना किसी पूर्व योजना के हो या गलती से ऐसा हुआ हो, उन स्थितियों में फ ीस वसूलकर वीजा अवधि बढ़ा दी जाती है। हालांकि जब कोई सोच-समझकर ऐसा करता है तो उन्हें देश छोडऩे का नोटिस देने के साथ ही उनसे वीजा फीस और पैनल्टी भी उगाही जाती है।