नेशनल वार्ता ब्यूरो
यदि देहरादून और हरिद्वार के लिए प्रस्तावित मेट्रो महायोजना वास्तविकता की जमीन पर उतरती है तो दोनों नगरों का कायाकल्प होना तय है। सड़कों पर बढ़ता यातायात का दबाव कम होगा और प्रदूूषण नियंत्रण में मदद मिलेगी। दोनों नगरों के बीच ऐसी तेज यातायात सेवा दोनों नगरों की अर्थव्यवस्था को भी बदल देगी। मेट्रो सेवा की बात ही कुछ और है। मेट्रो सेवा तेज होने के साथ-साथ सुविधाजनक होती है। लोग मेट्रो में यात्रा करना पसंद करते हैं। समय की बचत भी होती है। मौजूदा केन्द्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर वाकई डबल इंजन का काम कर रहे हैं। इसमें दो राय नहीं कि अगर सरकारों की नीयत ठीक हो तो केन्द्र सरकार और राज्य सरकार मिल कर किसी भी राज्य का कायाकल्प कर सकते हैं। यही हो रहा है उत्तराखण्ड के मामले में। देहरादून और हरिद्वार को मेट्रो से जोड़ना किसी चमत्कार से कम नहीं होगा। उत्तराखण्ड जैसे पर्यटन राज्य के लिए यह सोने में सुहागा होने जा रहा है। हरिद्वार के साथ-साथ देहरादून आने वाले पर्यटकों की संख्या भी बढ़ जाएगी। विदेशी पर्यटक भी और बड़ी संख्या में देहरादून आएंगे। पहाड़ों की रानी मसूरी और चमक जाएगी। कुल मिलाकर उत्तराखण्ड में पर्यटकों के लिए एक अतिरिक्त सुविधा हो जाएगी। राज्य की अर्थव्यवस्था में भी तेजी से सुधार होगा।