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‘कोरोना अभी भी एक्टिव, कदम नहीं उठाए तो तबाह कर सकता है इन्फ्रास्ट्रक्चर

– राज्यों को केंद्र सरकार की चेतावनी

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नई दिल्ली । कई राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार बढ़ोतरी होती केंद्र सरकार ने राज्यों को चेतावनी देते हुए कहा किदेखी जा रही हैं। सरकार ने कहा कि में देश में एक बार फिर कोरोना का खतरा मंडरा रहा है साथ ही चेतावनी दी कि ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य ढांचा भी चरमरा सकता है। केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को आगाह किया कि अगर तत्काल उपाय नहीं किए गए तो कोरोना संक्रमण के मामलों में मौजूदा उछाल स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को प्रभावित कर सकता है। कोरोना का पॉजिटिविटी रेट पहली बार अक्टूबर के बाद से 5 फीसदी को पार कर गया है। कोरोन के कहर के बीच सरकार ने राज्यों से तत्काल अस्पतालों में सुविधाओं को मजबूत करने और इंटेसिव केयर बढ़ाने का आग्रह करते हुए कोरोना के खिलाफ जरूरी कदम उठाने को कहा है। नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में स्थिति खराब से बदतर हो चुकी है, जो कि चिंता की मुख्य वजह है। कुछ राज्यों ने टेंशन बढ़ा दी है। ऐसे में कोई भी राज्य कोई जिला परेशानी की वजह नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि रुझान बताते हैं कि वायरस अभी एक्टिव है, ये हमारे डिफेंस को नुकसान पहुंचा सकता है। जम हमें लगता है कि हमने इसे कंट्रोल करने के तरीके ढूंढ़ लिए हैं, ये दोबारा अटैक करता है। इसने हमारे देश समेत अन्य देशों में भी ऐसा किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव जब आंकड़े जारी कर रहे तो पॉल ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान राज्यों को कहा। जहां नेशनल पॉजिटिविटी रेट 5.65 फीसदी है वहीं महाराष्ट्र में ये 23 फीसदी, पंजाब में 8.82 फीसदी, छत्तीसगढ़ में 8 फीसदी, मध्य प्रदेश में 7.82 फीसदी, तमिलनाडु में 2.50 फीसदी, कर्नाटक में 2.45 फीसदी है।
ऐसे 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ केंद्र की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जहां कोरोना के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए जा रहे हैं। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए इन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उपायों और नियमों को सख्त करने की सलाह दी गई है। इन राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, पंजाब और बिहार शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की अध्यक्षता में की गई इस हाई लेवल मीटिंग में कोरोना के कहर को रोकने के लिए पांच कदमों पर रणनीति बनाने के लिए कहा गया है, जिसमें कोरोना टेस्टिंग में वृद्धि, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, आइसोलेशन, टीकाकरण की संख्या का लक्ष्य तय करना और क्लीनिकल ट्रीटमेंट पर ध्यान देना शामिल है।


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