छत्तीसगढ़ (जनसम्पर्क विभाग)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 02 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 152 वीं जयंती के अवसर पर उन्हें नमन करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किया है। उन्होंने कहा है कि बापू का जन्मदिन समूची मानवता के लिए महान पर्व है क्योंकि उनका जीवन-संघर्ष और उपलब्धियां देश और दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं।
श्री बघेल ने कहा कि बापू ऐसा समाज चाहते थे, जिसमें अंतिम पंक्ति का अंतिम व्यक्ति भी न्याय से वंचित न हो। हर हाथ को काम मिलेे और सभी को सम्मानपूर्वक जीने का अधिकार मिले। राज्य सरकार बापू के राम राज्य की अवधारणा को जीवंत करते हुए नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का प्रयास कर रही है। हमने ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती और लोगों की आत्मनिर्भरता के लिए कई क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। हमने गांधी जी के रास्ते पर चलते हुए आदिवासियों की जमीन लौटाने, किसानों के कर्ज माफ करने जैसे कई निर्णय लिए। लोगों को लाभ पहुचाने के लिए शुरू हुए सामुदायिक वन अधिकार पट्टा वितरण, लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य में खरीदी में छत्तीसगढ़ ने राष्ट्रीय कीर्तिमान स्थापित किया है। इसके साथ ही गौठानों का आजीविका केन्द्र के रूप में विकास, गोधन न्याय योजना के माध्यम से पशुपालकों और ग्रामीणों से गोबर खरीदी जैसी नई पहल से हम गांव की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सुराजी गांव योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना के तहत गांवों में बनाए गए गौठानों में महिला स्व-सहायता समूह विभिन्न आर्थिक गतिविधियों से जुड़ कर स्वावलंबन की ओर बढ़ रही हैं। महिलाएं गोबर से वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर रही हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर के अवसर पर छत्तीसगढ़ के गौठानों में गोबर से बिजली बनाने का काम भी शुरू हो रहा है। आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के गांवों की गौठान समितियों का भी अब अपना पॉवर प्लांट होगा। हर गौठान में एक एकड़ भूमि में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान और सार्वभौम पीडीएस से हमने तय किया है कि न कोई भूखे पेट सोने को मजबूर हो और न ही पोषण युक्त आहार से वंचित रहे। हमने सार्वभौम स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिता दी है। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना और दाई-दीदी क्लीनिक के माध्यम से हम अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रहे हैं।
श्री बघेल ने महात्मा गांधी के छत्तीसगढ़ प्रवास को याद करते हुए कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महात्मा गांधी छत्तीसगढ़ में आए थे। उनके कंडेल आने की सूचना ने ही किसानों को जीत दिला दी थी। छत्तीसगढ़ में महात्मा गांधी की यादें आज भी जीवंत हैं। गांधीजी के छत्तीसगढ़ आगमन ने सभी नागरिकों को देश प्रेम के नये जोश और ऊर्जा से भर दिया था। श्री बघेल ने कहा कि हम गांधी जी के सपनों के अनुरूप नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने की कोशिशों को अपने गांव-मोहल्ले और गलियों तक ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए स्कूली बच्चों के पाठ्यक्रम मंे महात्मा गांधी के आदर्शों और सिद्धांतों को शामिल करने का निर्णय लिया गया है। हम सब मिलकर गांधीजी के पदचिन्हों पर चलते हुए ‘नया छत्तीसगढ़‘ गढ़ेंगे।
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