चारु चन्द्र की चमचम किरणें
चमका करती थीं
दून घाटी में
अब सिमट कर रह जाएंगी
यादों के मन-मन्दिर में।
कवि पत्रकार और गढ़वाल-प्रेम का
चन्द्रमा बनकर मन को सहलाता था
चारु चन्द्र चन्दोला कहलाता था
सरग दिदा बनकर वह तो
पहाड़ के चितेरे चित्र बनाता था
पहाड़ के हित में अपनी साधना का अनन्त दिया जलाता था।
Virendra Dev Gaur (Veer Jhuggiwala)
Chief Editor (NWN)