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CG चयन: क्या गाय और राम छत्तीसगढ़ में बीजेपी के मुद्दे छीन लेंगे?

बीजेपी की चुनावी नोटबुक में गाय और राम दो प्रमुख मुद्दे हैं। हिंदी बेल्ट राज्यों में गाय और राम कोर मुद्दे हैं। चुनावों को प्रभावित करने के साथ-साथ यह मुद्दे बीजेपी को वोट मिलते रहे हैं। छत्तीसगढ़ में ऐसा नहीं है। यहां राम-गाय का मुद्दा है, लेकिन बीजेपी नहीं, कांग्रेस है। आप गाय और राम का नाम कांग्रेस नेताओं के मुंह से सुनेंगे। कांग्रेस की बैठकों में गाय, गौमूत्र और गोबर की चर्चा होती है। यह भगवान राम की बात है। मां कौशल है। गाय और राम का यह प्रश्न है

भूपेश बघेल सरकार ने पिछले पांच वर्षों में गाय और राम को विषय बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। इंटरव्यू में भूपेश ने बताया कि गाय कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। यह राज्य किसानों का है और पशुओं को सम्मान देता है। कांग्रेस पार्टी के लिए भगवान राम और गौ माता सेवा, विरासत और संस्कृति का विषय हैं। बीजेपी ने इसे राजनीतिक रूप दे दिया। भूपेश ने कहा कि राम भी गाय की तरह हमारे लिए राजनीतिक नहीं हैं।

मां कौशल्या का जन्म छत्तीसगढ़ में हुआ है। भगवान राम ने यह राज्य प्राप्त किया था। इस राज्य का संबंध उनसे परिवार की तरह है। हम इस मुद्दे पर राजनीति नहीं कर सकते हैं। विपरीत, बीजेपी राम के मुद्दे पर चुप है। उसकी बैठकों में राम और गाय की चर्चा नहीं होती। बीजेपी ने चुनावों में इस मुद्दे को नहीं उठाया है जब अयोध्या में मंदिर का निर्माण तेजी से हो रहा है। बीजेपी का चुनावी घोषणापत्र अभी नहीं आया है। बीजेपी भी गौठान और गौमूत्र पर घोषणा कर सकता है।

क्या करने की कोशिश है बघेल सरकार की

भूपेश बघेल की सरकार ने पिछले पांच वर्षों में गाय और राम के माध्यम से हिंदुत्व की राजनीति की है। सरकार ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति और अस्मिता को भी इस नवीन राजनीतिक परिदृश्य में शामिल किया है। राज्य में कई त्योहार सरकारी स्तर पर मनाए जाते हैं। मुख्यमंत्री आंचलिक त्योहारों को खुद मनाते हुए दिखे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बीजेपी धर्म और संस्कृति के इस कोलाज से असहज है। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक दिवाकर मुक्तिबोध ने इसे कांग्रेस की बदली हुई राजनीति का परिणाम बताया।मुक्तिबोध कहते हैं कि छत्तीसगढ़ में राम नाम से असहज दिखने वाली कांग्रेस ने इसे बिल्कुल अलग तरह से देखा है। भूपेश ने धर्म के नाम पर बीजेपी के वोट देने वाले सभी मुद्दों को यहां नहीं उठाया। कांग्रेस के नेता और मंत्री राम और गाय के अलावा हिंदू देवताओं के हर कार्यक्रम में भाग लेते दिखे हैं। भूपेश सरकार ने राम से संपर्क बनाने की कोशिश की है। बीजेपी को छत्तीसगढ़ की राजनीति में कोई फायदा नहीं हुआ उनकी कोशिश से। यह चुनावी परिणामों से पता चलेगा कि कांग्रेस ने इसमें कितनी सफलता हासिल की है।


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