68 वर्षीय महिला को बरेली के शाही थाना क्षेत्र के खरसैनी गांव में मार डाला गया। सोमवार शाम को उन्हीं के गन्ने के खेत में उनका शव पड़ा पाया गया था। गले में घृणा थी। इसी स्थिति में शाही थाना क्षेत्र में पहले भी छह और महिलाओं के शव मिले थे। इलाके में इससे भय है।
सोमवार शाम खरसैनी के खेत में गुलाबो देवी का शव मिला। पति का निधन होने पर वह अकेली रहती थीं। वह पिछले दो दिनों से गायब थीं। उनके गले में साड़ी का फंदा था। शरीर घास और पत्तों से ढक गया। शव से पांच मीटर दूर उनकी चप्पलें और खुरपी पड़ी थीं। जब कोई ग्रामीण शव देखा तो गांव को बताया।
पुलिस टीम के साथ मौके पर इंस्पेक्टर सतीश कुमार नैन पहुंचे। एसपी देहात मुकेश चंद्र मिश्रा, सीओ दीपशिखा और फोरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंचीं। एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान ने भी मौका देखा और घटना को जल्द से जल्द बताने का आदेश दिया। मृत व्यक्ति की बेटी को जानकारी देकर बुलाया गया है।
शाही थाना क्षेत्र में दो महीने तक अभियान चलाया गया था, लेकिन सफलता नहीं मिली, आईजी रेंज डॉ. राकेश सिंह ने बताया। मनोविकृति इस तरह की घटनाओं को प्रेरित कर सकती है। दोबारा सादे कपड़े पहने जाएंगे।
न कत्ल ही वजह पता, न कातिल का सुराग
गुलाबो देवी की हत्या शाही शासन में हुई हत्याओं से बहुत मिलती-जुलती है। उसकी हत्या करने वाले व्यक्ति तक कोई पता नहीं है। ऐसे में फिर वही सवाल उठता है कि क्या कोई एक मूर्ख व्यक्ति ये वारदात कर रहा है? अफसरों को भी इसी दिशा में संघर्ष करना पड़ा है।
इन महिलाओं की मौत
पिछले पांच महीने में शीशगढ़ थाना क्षेत्र के गांव लखीमपुर की महमूदन, कुल्छा गांव की धानवती, सेवा ज्वालापुर की वीरावती, खजुरिया की कुसुमा देवी, शाही के मुबारकपुर गांव की शांति देवी, आनंदपुर की प्रेमवती और मीरगंज थाना क्षेत्र के गांव गूला की रेशमा देवी की मौत हो गई है। एक मामले में परिजनों ने न पोस्टमार्टम कराया और न तहरीर दी।