? *रूद्राक्ष का पौधा देकर पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने श्री अश्विनी कुमार चौबे जी को विदा किया*
? *चलते-चलते केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे जी ने किया विश्व ग्लोब का जलाभिषेक*
? *जल संरक्षण का कराया संकल्प*
? *वंदे मातरम्-गंगे मातरम्-अश्विनी कुमार चौबे*
ऋषिकेश (दीपक राणा)। परमार्थ निकेतन से विदाई लेते हुये स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे जी ने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के पावन सान्निध्य में विश्व ग्लोब का जलाभिषेक कर जल संरक्षण का संकल्प कराया।
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि भक्त हृदय श्री अश्विनी चौबे जी ने माँ गंगा को प्रदूषण मुक्त करने और जल संरक्षण के लिये अद्भुत कार्य किये। वे किसी पद या प्रतिष्ठा के लिये नहीं बल्कि निष्ठा के साथ देश की सेवा पूर्ण मनोयोग से करते रहें है। राम जन्मभूमि का संकल्प तो हम सभी ने देखा लेकिन श्री चौबे जी ने राम कर्म भूमि का संकल्प लिया ताकि भगवान श्री राम की कर्मभूमि पर कुछ ऐसा हो जो अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर लोगों को आकर्षित कर सके ताकि पूरी दुनिया का ध्यान उस ओर आकर्षित हो सके।
पूज्य स्वामी जी ने कहा कि प्रकृति के संदेश को सुनें क्योंकि केदारनाथ की आपदा प्रकृति के संदेश को अनदेखा करने का ही परिणाम है। दिव्य नदियों के संरक्षण के लिये आगे आयें, नदियों के दोनों तटों पर पौधों का रोपण करें तथा अपने उत्सवों और पर्वों को ग्रीन बनाने का संकल्प लें और प्रकृति के सान्निध्य में प्रकृतिमय जीवन जियें।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री अश्विन चौबे जी ने कहा आज पूज्य स्वामी जी के पावन सान्निध्य और कृपा से इस पवित्र भूमि और माँ गंगा के तट पर स्थित परमार्थ निकेतन में रात्रि विश्राम करने का दिव्य अवसर प्राप्त हुआ। मेरे जीवन के पवित्र अवसरों में से यह एक सर्वोत्तम अवसर है आज जब मैं माँ गंगा गोद और पूज्य स्वामी जी के पावन सान्निध्य में परमार्थ निकेतन में हूँ। स्वामी जी ने गंगा आरती की दिव्य परम्परा न केवल परमार्थ निकेतन गंगा तट पर आरम्भ की बल्कि काशी सहित देश के कई स्थानों पर आरती का क्रम आरम्भ करवाया यह प्रकृति और नदियों के संरक्षण का अनुपम उदाहरण है। प्रकृति का संरक्षण हम सभी का परम कर्तव्य है।
माननीय मंत्री जी ने कहा कि उत्तराखंड पर्यटन का केन्द्र नहीं बल्कि आस्था, श्रद्धा और तीर्थाटन का केन्द्र है इसलिये कभी भी माँ गंगा के आंचल को गंदा न करें। उन्होंने कहा कि अगर ’वंदे मातरम्’ के नारे से भारत को आज़ादी मिली तो गंगे ‘मातरम्’ से भारत की संस्कृति और सभ्यता की रक्षा की जा सकती है इसलिये माँ गंगा की आरती करते हुये हम अविरल गंगा-निर्मल गंगा के संकल्प को दोहराते रहें। गंगा, गौ, गायत्री और गीता का संरक्षण और संवर्द्धन सभी लोग करें यही देशवासियों से प्रार्थना है माननीय मंत्री जी ने भगवान श्री राम की कर्मभूमि में बक्सर में सभी को आमंत्रित किया।
आज प्रातःकाल पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने माननीय मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे जी को तिलक लगाकर तथा रूद्राक्ष का दिव्य पौधा भेंट दे कर विदा किया।