दिल्ली के कथित नेशनल चैनलो
अपनी-अपनी अन्तर-आत्माओ को झकझोरो
नशे के कारोबार को विज्ञापनों के लिये मत चमकाओ
नशाखोरी रोजगार देती है देश के प्राण पीती है
अन्यथा सच और न्याय के पैरोकार बनना छोड़ दो
कश्मीर के पंडितों को बे-आबरू कर भगाने वालो मुर्दाबाद
यह नारा बुलन्द करने वालों को ही अपनी बहसों में बैठाओ
अन्यथा बहस की महाफिलों को यों न चमकाओ
राष्ट्र पत्रकारिता से बड़ा है
राष्ट्र सच है राष्ट्र हमारा-तुम्हारा ज़मीर है
राष्ट्र जिन्नावादियों का जंग-ए-मैदान नहीं
राष्ट्र राष्ट्रवादियों की मादरे-सरजमीं है।
Virendra Dev Gaur
Chief Editor