कोर्ट ने सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खां को झटका दिया है।
कोर्ट ने अंतिम बहस के लिए तीन अक्तूबर की तारीख निर्धारित करते हुए उनके द्वारा दो गवाहों को दोबारा बुलाने का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। कोर्ट ने अंतिम बहस के लिए तीन अक्तूबर की तारीख निर्धारित करते हुए उनके द्वारा दो गवाहों को दोबारा बुलाने का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया।
2019 में गंज थाने में भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां और उनकी पत्नी डा. तंजीन फात्मा के खिलाफ दो जन्म प्रमाणपत्र होने का मामला दर्ज कराया था. इस मामले में सपा नेता आजम खां और उनकी पत्नी डा. तंजीन फात्मा को भी आरोपी बनाया गया था।
एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट ट्रायल कोर्ट में यह मामला विचाराधीन है। इस मामले में अब्दुल्ला आजम ने शहर विधायक आकाश सक्सेना और मुकदमे के विवेचक नरेंद्र त्यागी को दोबारा गवाही देने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया, जिस पर दोनों पक्षों ने बहस की। शनिवार को बहस के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया।
वादी के अधिवक्ता संदीप सक्सेना और अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया कि कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया है। साथ ही अब्दुल्ला आजम का एक अतिरिक्त प्रार्थना पत्र भी भेजा गया। कोर्ट ने अंतिम बहस को तीन अक्तूबर रखा है। वहीं, अब्दुल्ला के दो पैन कार्ड के मामले में कोर्ट ने 11 अक्तूबर को सुनवाई की तारीख निर्धारित की।
पड़ोसी पर हमले की जांच टली
शनिवार को एमपी-एमएलए सेशन ट्रायल कोर्ट में पड़ोसी पर जानलेवा हमले के मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां के अधिवक्ता ने कोर्ट में एक स्थगन प्रार्थना पत्र पेश किया, जिस पर कोर्ट ने छह अक्तूबर की तिथि निर्धारित की। यहां बताते चलें कि आजम खां, अब्दुल्ला आजम, शरीफ खां और बिलाल खां को सपा नेता के पड़ोसी अबरार ने आरोपी बनाया था। यह मामला कोर्ट में है।