कुमाऊं में वन्यजीवों के हमले में एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि दो अन्य लोग (बीट वॉचर भी) घायल हो गए। पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट के कोठेरा गांव में एक दो साल का बच्चा तेंदुए ने मार डाला। उधर, रामनगर-कालाढूंगी में बाघों ने वनकर्मी समेत दो लोगों को मार डाला।
दो वर्ष तीन महीने का अंशु गंगोलीहाट के कोठेरा गांव में अपनी मां के साथ घर पर रहता था। उसके पिता, सुरेश, हरिद्वार में कार्यरत हैं। सोमवार शाम चार आंगन में खेलते हुए अंशु को तेंदुआ ने उठा लिया। परिजनों को अनहोनी की आशंका हुई जब वे आंगन में खून देखे और बच्चे को वहाँ नहीं देखा। उसकी खोज में गांव के युवा वन की ओर भागे। उन्हें घर से लगभग आधा किमी दूर एक बच्चा घायल अवस्था में मिला।
युवा ने अपने निजी वाहन से बच्चे को सीएचसी गंगोलीहाट लाया, जहां डॉ. मयंक पाहवा ने उसे मृत घोषित कर दिया। जानकारी मिलने पर वन विभाग की टीम गश्त शुरू कर दी। रेंजर मनोज सनवाल ने बताया कि मंगलवार को तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया जाएगा। सितंबर और अगस्त में भी गंगोलीहाट और बेड़ीनाग में तेंदुओं ने दो बच्चों को मार डाला था।
कालाढूंगी रेंज की एसडीओ किरण शाह ने बताया कि सोमवार को गश्त के दौरान वन रक्षक अंकित कुमार पर बाघ ने हमला किया। धापला निहाल तराई भाबर बीट में तैनात वन दरोगा प्रकाश भट्ट और आउटसोर्स कर्मी नंदन मेहरा सीएचसी कालाढूंगी घायल वन रक्षक को लेकर पहुंचे।
उधर, सोमवार तड़के मोहान क्षेत्र में सड़क बनाने में जुटे 53 वर्षीय नानकमत्ता निवासी हरलाल सिंह पुत्र श्रीकृष्ण पर भी बाघ ने हमला कर दिया। रामनगर के सरकारी अस्पताल में हरलाल को गंभीर चोट लगी। हरलाल फिलहाल सितारगंज की एक कंपनी में काम करता है जो मोहान क्षेत्र में सड़क बना रही है। सड़क किनारे एक कुटिया बनाकर हरलाल सिंह अपने परिवार के साथ रहता है।