दीदी-भुली दादी-दादा सुनो काकी
मुँह माँगी मुराद होगी पूरी अबकी
नही बचा और कुछ बाकी।
हाँ ठीक सुना तुमने
दीदी भुली काका-काकी
त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी ने कर दी
दिल की घोषणा डंके की चोट पर काकी।
उत्तराखंड होगा अब नशामुक्त भाभी
देवभूमि का द्वार खुल गया
मिल गई चाभी
दिल की बात मुख्यमंत्री की जुबाँ पे आई
नशाखोरी के सावन भादों पर
बिजली गिर गई भाई।
दारू से करो शुरुआत
मुख्यमंत्री भाई जी
आबकारी विभाग पर जड़ दो ताला भाई जी
दारू गुटका पान मसाला
जी का जंजाल गड़बड़झाला
राक्षसभूमि की यह सब माया
वक्त करो नहीं अब जाया
दीदी भुली काकी दादी की मानो
नशा नर्क का द्वार है जानो
अन्तरआत्मा की अब मानो
नशामुक्त राज्य की ठानो
देवभूमि पर नशे का क्या काम
लात मार का फोड़ दो जाम
देवभूमि को मत करो बदनाम
आशीष देंगे बदरी केदार धाम।
virendra dev gaur
chief editor (nwn)