नई दिल्ली (संवाददाता)। सोमवार और मंगलवार को भय और आतंक के साए के बीच बच्चे भोंडसी स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल के लिए रवाना हुए। जांच और सुरक्षा के मुद्देनजर तीन माह तक स्कूल प्रबंधन का कार्य गुरुग्राम प्रशासन ने अपने पास रखा है। अभिभावकों में अभी भी भय का माहौल है। लेकिन बच्चों के करियर को देखते हुए बच्चों को स्कूल भेजा गया। स्कूल के अंदर और बाहर कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। बता दें कि छात्र प्रद्युम्न की हत्या के बाद स्कूल को अनिश्चिकाल के लिए बंद कर दिया गया था। प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर ने स्कूल खोलने के फैसले का जबरदस्त विरोध किया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन का यह फैसला जांच के लिहाज से कतई ठीक नहीं है। उन्होंने आशंका जाहिर किया है कि सबूतों से छेड़छाड़ की जा सकती है, इसका असर जांच प्रक्रिया पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि स्कूल खोलने का फैसला इस लिहाज से भी गलत है कि उपायुक्त विनय प्रताप सिंह को भोंडसी स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल के प्रशासक बनाया गया है। गुरुग्राम प्रशासन ने स्कूल प्रबंधन को अभी सभी अधिकारों से बेदखल कर दिया है। अब इसका दायित्व प्रशासक के ऊपर ही होगा। प्रशासक की देखरेख में स्कूल का संचालन किया जाएगा। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि स्कूल में जांच प्रक्रिया प्रभावित न हो और सबूतों से छेड़छाड़ न हो सके। फौरीतौर पर प्रशासक की व्यवस्था तीन माह के लिए मुकर्रर है, लेकिन जांच प्रक्रिया के अधार पर वधि बढ़ाई जा सकती है।
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