(नेशनल वार्ता ब्यूरो )
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2016 में एशिया और प्रशांत क्षेत्र में सामने आए एचआइवी संक्रमणों के 95 प्रतिशत से ज्यादा मामले भारत, चीन और पाकिस्तान समेत 10 देशों में सामने आए हैं। संयुक्त राष्ट्र के एचआईवी/एड्स, यूएनएड्स पर साझा कार्यक्रम ‘एंडिंग एड्सÓ की रिपोर्ट में यह बात सामने आई हैं। इस कार्यक्रम को गति देने के लिए साल 2014 में 90-90-90 लक्ष्य रखा गया था। इसका लक्ष्य है कि साल 2020 तक 90 प्रतिशत एचआईवी संक्रमित लोगों को उनकी स्थिति पता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि एचआईवी पीडि़त लोगों में से 90 प्रतिशत एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (एआरटी) कराने के लिए पहुंच रहे हैं और एआरटी लेने वालों में से 90 प्रतिशत के वायरस दब गए हैं। ऐसा पहली बार देखने को मिला है, जब एचआइवी से पीडि़त आधे से ज्यादा लोगों तक इलाज पहुंच रहा है। वहीं एड्स से होने वाली मौतों में 2005 से अब तक 50 फीसद का अंतर आया है। यूएन की इस रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि साल 2016 में एचआइवी संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले भारत, चीन, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, वियतनाम, म्यांमार, पापुआ न्यू गिनी, फिलीपींस, थाईलैंड और मलेशिया में सामने आए हैं। इन 10 देशों ने 2016 में इस क्षेत्र में सभी नए एचआईवी संक्रमणों का 95 प्रतिशत से अधिक हिस्सा लिया। हालांकि एशिया और प्रशांत क्षेत्र में नए एचआईवी संक्रमणों की वार्षिक संख्या में पिछले छह वर्षों में 13त्न की कमी आई है, जो 2010 में 310,000 से 2016 में घटकर 270,000 हो गई है।