उत्तराखण्ड में हॉस्पिटेलिटी यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाएगी। टिहरी बांध की ऊंचाई 825 मीटर तक सीमित रखी जाएगी। प्रतापनगर में डोबरा-चांटी पुल के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कंसल्टेंसी से डिजायन तैयार करवाया जाएगा। पुल की लागत का 50 प्रतिशत टीएचडीसी व 50 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। राज्य में रूफ-टॉप सोलर को और अधिक प्रोत्साहित किया जाएगा। देहरादून सहित प्रदेश के महत्वपूर्ण धार्मिक व पर्यटन महत्व के शहरों में केंद्र सरकार की आईपीडीएस (इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्किम) के तहत अंडर ग्राउंड केबलिंग का कार्य किया जाएगा। प्रदेश में बिजली से वंचित 1 लाख 25 हजार परिवारों को ऑफ-ग्रिड बिजली उपलब्ध करवाई जाएगी। रविवार को सीएम कैम्प कार्यालय में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व केंद्रीय ऊर्जा मंत्री (राज्य मंत्री-स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल की उच्च स्तरीय बैठक हुई। बैठक में केंद्र सरकार व राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। बैठक के बाद मीडिया से वार्ता करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री गोयल ने बताया कि केंद्र में मंत्री बनने के तीन वर्ष बाद उन्हें प्रदेश सरकार द्वारा आमंत्रित किया गया जिसकी उन्हें खुशी है। उत्तराखण्ड की नई सरकार, प्रदेश का तीव्र गति से विकास के लिए काफी उत्साहित है। बैठक में सार्थक चर्चा हुई। बड़ी खुशी की बात है किउत्तराखण्ड, ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों में है। परंतु उत्तराखण्ड में ऊर्जा में और भी बहुत कुछ किया जा सकता है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि स्थानीय लोगों की चिंताओं का संज्ञान लेते हुए यह निर्णय लिया गया है कि टिहरी बांध की ऊंचाई को 825 मीटर तक रोक दिया जाएगा। प्रतापनगर डोबरा-चांटी पुल की डिजायन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कन्सल्टेंसी के सहयोग से दुबारा बनाया जाएगा और इसकी जो भी लागत निर्धारित होगी उसका 50 प्रतिशत टीएचडीसी व 50 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। केंद्र सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय से भी तकनीकी सहयोग के लिए अनुरोध किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि रूफ-टॉप सोलर को और अधिक प्रोत्साहित किया जाएगा। मुख्यमंत्री जी द्वारा हॉस्पीटेलिटी यूनिवर्सिटी की स्थापना व अंडर ग्राउंड केबलिंग के लिए अनुरोध किया गया है। उत्तराखण्ड में एक हॉस्पीटेलिटी यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाएगी। प्रदेश सरकार द्वारा भवन उपलब्ध करवाते ही इसे प्रारम्भ कर दिया जाएगा। उत्तराखण्ड के युवा देश-विदेश में होटल क्षेत्र में काफी अच्छा कार्य कर रहे हैं। हाईट ऑफ कर्टसी, यहां के लोगों में देखने को मिलती है। इसलिए यहां एक हॉस्पीटेलिटी यूनिवर्सिटी की स्थापना का निर्णय लिया गया है। इसकी लागत का 75 प्रतिशत टीएचडीसी सहित केंद्र सरकार के विभिन्न उपक्रमों द्वारा जबकि 25 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। उत्तराखण्ड के युवाओं के कौशल विकास में यह यूनिवर्सिटी महत्वपूर्ण साबित होगी। देहरादून सहित राज्य के धार्मिक व पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण शहरों में केंद्र सरकार की आईपीडीएस (इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्किम) के तहत अंडर ग्राउंड केबलिंग का कार्य किया जाएगा। इससे तारों के जंजाल से मुक्ति मिलेगी। उŸाराखण्ड में वर्तमान में 1 लाख 25 हजार परिवार ऐसे हैं जिन्हें बिजली नहीं मिल पाई है। ये परिवार ऐसे स्थानों पर रह रहे हैं जहां मुख्य ग्रिड से बिजली पहुंचाना सम्भव नहीं हो पाया है। इन परिवारों को अरूणाचल प्रदेश की तर्ज पर ऑफ-ग्रिड बिजली (सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा आदि) उपलब्ध करवाई जाएगी।
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