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कोरोना के दौरान मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान: स्वामी चिदानन्द

? इम्यूनिटी के साथ कम्यूनिटी-पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज

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देहरादून/ ऋषिकेश (दीपक राणा)। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि कोविड-19 के कारण अनेक लोगों का मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हुआ है तथा कई लोग भावनात्मक रूप से प्रभावित हुये क्योंकि उनके परिवार वाले उनके पास नहीं थे। उन्होने कहा कि मानसिक रूप से स्वस्थ होना उतना ही जरूरी है जितना की शारीरिक रूप से स्वस्थ होना।
पूज्य स्वामी जी ने कहा कि इस कोरोना संकट के दौरान कई लोग ऐसे थे जिनके परिवार वाले उनके साथ में नहीं थे, कई लोगों के बच्चे घर से बाहर दूसरों शहरों में पढ़ रहे थे, कुछ लोग घरों से दूर व्यवसाय और रोजगार के लिये गये थे और अचानक कोरोना वायरस का फैलना और फिर लाॅकडाउन हुआ। अब भी चारों ओर कोरोना का संकट व्यप्त है। इस समय भी लोगों का जीवन पूर्ण रूप से पटरी पर वापस नहीं लौटा और अभी भी कोरोना फैलने का संकट बना हुआ है। साथ ही भविष्य की चिंता, बच्चों को अपनी शिक्षा की चिंता, अनेक लोगों को रोजगार की चिंता है। विगत चार-पांच माह से अनेक लोगों का कामकाज बंद है जिससे तनाव बढ़ा और घरेलू हिंसा भी बढ़ी इसे कम करने के लिये मानसिक रूप से मजबूत होना बहुत जरूरी है।
पूज्य स्वामी जी ने कहा कि वास्तव में कोरोना के कारण पूरा विश्व थम सा गया है, लोगों को अपने भविष्य की चिंता है परन्तु इस दुनिया में कोरोना पहली माहमारी नहीं है, इसके पहले भी 1720 में फ्लेग फ्रांस से फैला था, 1820 में हैजा कॉलरा एशियाई देशों से फैला, 1920 में स्पेनिश फ्लू फैला जिससे पूरी दुनिया के लगभग 5 करोड़ लोग प्रभावित हुये थे। धरती पर रहने वाले लोगों ने कई माहमारियों का सामना किया और फिर से लोगों की जिन्दगियां वापस पटरी पर भी लौट आयी। उन्होने कहा कि संसार तब भी था और अब भी है, यह तो चलता रहेगा।
पूज्य स्वामी जी ने कहा कि हमें शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना होगा। इसके लिये अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाना होगा। इसके लिये योग, ध्यान, प्राणायाम, घरेलू उपचारों को अपनाना होगा। उन्होने कहा कि इम्यूनिटी के स्तर को बढ़ाने के लिये दालचीनी, पिपरमेंट के पत्ते, अदरक, गिलोय, को पानी में उबालकर ठंडा कर शहद मिलकर सेवन करने से काफी लाभ मिलेगा।
साथ ही अपनी पाचन क्रिया ठीक रखे, भरपूर नींद ले तथा तुलसी और कालीमिर्च युक्त हर्बल चाय का सेवन करे और स्वयं को स्वस्थ रखे।
पूज्य स्वामी जी ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिये तनाव मुक्त रहना बहुत जरूरी है और इसके लिये मेडिटेशन सबसे उपयुक्त है। प्रातःकाल उगते सूर्य का दर्शन करें, प्रकृतिमय जीवन पद्वति को अपनाये और जीवन में योग को स्थान दे। सम्भव हो तो सूर्य नमस्कार, ताड़ासन, पवनमुक्तासन, चक्रासन त्रिकोणासन, भुजंगासन आदि आसनों का अभ्यास करे, कम से कम 1 हजार कदम तेेज चलना और प्राणायाम अर्थात अपनी श्वास पर कंट्रोल करना मानसिक रूप से स्वस्थ रहने का सहज मार्ग है। पूज्य स्वामी जी ने कहा कि हमारी श्वास चल रही है तो ही जीवन है
इसलिये अनुलोम विलोम, भ्रामरी, कपालभाति प्राणायाम नियमित रूप से करे। उन्होने कहा कि इससे इच्छाशक्ति और इम्यूनिटी दोनों बढ़ती है। इम्यूनिटी के साथ कम्यूनिटी पर ध्यान देना भी बहुत जरूरी है। हम देखें कि हमारे आस-पास किसी को हमारी मदद की जरूरत तो नहीं है? जरूरत मंदों की ओर मदद का हाथ बढ़ाना, दो प्रेम के बोल बोलना, बात करना भी बड़ा सुकून देता हैं क्योकि इस समय सभी समस्याओं से घिरे है इसलिये एक दूसरे को सहारा दें और मिलकर चलें, यही तो जीवन है।
पूज्य स्वामी जी ने कहा कि कोरोना काल में आप सभी शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहे, प्रभु की आराधना करें और दूसरों के सहयोगी बने रहे।
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