(1)
दिलगर्द रणवीर सिंह चौहान
(34, लाल बाग लखनऊ)
मन की बगिया में चहचहाते हैं कुछ पंछी
राष्ट्र के आँगन के हैं ये सदाबहार कुछ पंछी
खास है इनमें दिल्ली-अजमेर का नरेश पृथ्वीराज चौहान
तलवार और धनुष-बाण का धनी था जो प्रतापी महान
जिसे सम्राट दशरथ की तरह चलाना आता था शब्दभेदी बान
जो आक्रान्ताओं को पहुँचा देता शमशान
अगर, देशद्रोही जयचन्द को देश की मर्यादा का होता भान
मन की बगिया में घुस आया एक और पंछी अब रणवीर सिंह चौहान।
उत्तराखंड़ में चकराता क्षेत्र का कुवानू गाँव एक अनजान
इस गाँव को एक आईएएस से मिल रही है पहचान
जिसे कह रहा जमाना आईएएस रणवीर सिंह चौहान
पूज्य पिता की इच्छा का करते हुए पूरा सम्मान
मेहनत की और बने अफसर रखा पिता की इच्छा का मान
किन्तु दिल में अपने समेटे रहा ये मचलते हुए अंतरंग अरमान
अभिनेता और गायक बनने की धुन सवार थी जब था ये नौजवान
पर, जन्मदाताओं की इच्छा का आदर कर साबित हुआ एक अच्छा इन्सान।
वही है अच्छा इन्सान जो अपने बड़ों का करे सम्मान
हे चौंतीस लाल बाग लखनऊ नामक पुस्तक के लेखक चौहान
सुना है गला है आपका जायकेदार गायकी की रोशन खान
कविता लेखन में भी गहरी रुचि है आपकी हम गए हैं जान
हे बहुमुखी प्रतिभा के धनी क्या-क्या बैठे हो ठान
आपके दिल में उठते हैं ललित-कलाओं की रचना के तूफान
उत्तराखंड शासन के अफसर प्रतिभावान
देश को चाहिएं आपके जैसे मतवाले गुणवान
आपसे प्रेरणा लेंगे हमारे अनगिनत नौजवान
नमस्ते, दिलदार-दिलगर्द परिश्रमी रणवीर सिंह चौहान
धन्य-धन्य आपके माता-पिता यशस्वी गुणवान
आप जैसे ही हैं राज्य और देश की असली शान
अगर मैं होता राज्य का मुख्यमंत्री हे भावुक-कर्मठ इन्सान
चकराता रोड का नाम रख देता रणवीर सिंह चौहान मार्ग जारी करके एक फरमान।
(2)
बम-बम भोले ओली के ऊपर बरसाओ बड़े-बड़े ओले
हे नाथ पशुपति बम-बम भोले
इस ओली के ऊपर बरसाओ ओले
ये कम्यूनिस्ट प्रभो जब-जब बोले
ये कम्यूनिस्ट प्रभो तब-तब उगले शोले
राह पर लाइए इसे हौले-हौले
इस उम्र में इसका दिल ड्रैगनिस्तान की राजदूत के हिसाब से डोले
इसकी गद्दी खाती रहेगी सदा हिचकोले
बहुत गर्मी चढ़ रही है इसको, खिलाओ प्रभो सागरमाथा की बर्फ के गोले
हम भारतवासी तो आप जानते ही हैं कैलाशपति भोले
जब करते हैं ‘गलबान’ तो देखकर पूरी धरती डोले।
सुनिए पार्वती पति शिव शंकर
ये हम से दो-दो हाथ करने के लिए सीमा पर बना रहा है बंकर
हम नहीं कह सकते हम पहाड़ तो ये है कंकड़
लेकिन प्रभो भारत वर्ष की ‘‘सभ्यता और संस्कृति’’ पर लगाकर लांछन
इस आदमी ने दुखाया है पूरे भारत का मन
अब नेपाल जी तुम लगा लो जितना भी दम
प्रेम का नहीं जुड़ेगा धागा पड़ जाएगी गाँठ
कम्यूनिस्ट तानाशाह से चल रही है तुम्हारी जो साँठगाँठ
वह एक दिन तुम्हारे देश की शांति को निगल जाएगा
तुम्हे भारत का स्थाई दुश्मन बनाएगा।
श्री राम नेपाल के नहीं
पूरा नेपाल श्री राम का था
रघुवंशियों का जिसे आशीर्वाद प्राप्त था
तुम कह तो रहे हो सही
मगर तुमने विपरीत अर्थ में है बात कही
श्री राम ही नहीं
उनके पूज्य पिता श्री दशरथ भी चक्रवर्ती सम्राट थे
जबकि राजा जनक केवल एक छोटे राजा थे।
जिहादी बाबर ने की थी जुर्रत ऐसी एक बार
करीब पाँच सौ साल पहले
मीर बाकी नाम के सेनापति को श्री अयोध्या भेजकर
श्री राम के विश्व प्रसिद्ध मन्दिर को तोड़कर
मन्दिर की सामग्री से ही करवाई मस्जिद खड़ी
ताकि भारत के सबसे बड़े भगवान का असर बेदम हो जाए
पूरा भारत मुगलों के आगे झुक जाए।
तूने भी श्री राम के गिरेबान की तरफ बढ़ा कर हाथ
भर लिया हे अपने पापों का घड़ा
कम्यूनिस्ट नास्तिक ड्रैगन की शह पर है तू अड़ा
हमने खुद को नहीं माना तेरा भाई बड़ा
हम तो सगे भाइयों की तरह रह रहे थे
बिना किसी छोटे-बड़े वाले भेद के
फिर तू क्यों हमारे पीछे है पड़ा।
माओवादी शैतान के चंगुल में फँस रहा है तू
नेपाल के गरीबों को झूठे सब्जबाग दिखा रहा है तू
लोकतंत्र से धीरे-धीरे दूर होता जा रहा है तू
उस भँवर में एक दिन जा फँसेगा तू
जिस भँवर को बेरहम तानाशाही कहते हैं
यही सब होना था तो राजशाही क्यों ठुकराई तूने
कम से कम राजशाही में शांति तो थी तेरे पास
आने वाले कल में तू छोड़ दे इसकी भी आस
श्री राम का यथोचित मान कर पाता तू, काश!
आप तो जानते हैं भोले बाबा
श्री राम आपकी करते थे आराधना
वे विश्व-कल्याण के लिए पल-पल करते रहे साधना
इस भटके नेपाल को समझाओ पशुपति महाराज
आपके आराधक श्री राम को भी हथियाने की सोच रहा है, ये दुष्ट आज।
(3)
तिब्बत की गुलामी और कम्यूनिस्ट दहशत से मुक्त करो धरती
यूरोप, अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया और इजरायल
भूलकर सब कुछ भारत के साथ खड़े हो जाओ
तिब्बत को ड्रैगन की गुलामी से आज़ाद कराओ
हाँगकाँग पर अमेरिका और ब्रिटेन का नजरिया खुलकर अपनाओ
ताइवान को ड्रैगनिस्तान की तानाशाही से निजात दिलाओ
दस्तक दे रही है नई दुनिया कदम बढ़ाओ
इसमें जिहादी टर्की को नहीं कर रहा हूँ शामिल
रूस की भी नहीं कर रहा हूँ बात
तानाशाही ताकतों को सबक सिखाओ
कम्यूनिस्टवाद को धरती से भगाओ
खोलो पूरी दुनिया में लोकतंत्र के रास्ते
इस्लामी जिहाद को नष्ट करने के वास्ते
मत छोड़ो शैतान-ड्रैगनिस्तान को इस बार
कर गुजरो जमकर आर से पार
छिन्न भिन्न कर दो इसके विस्तारवादी दहशतगर्द इरादे
लोकतंत्र में हों भले ही कुछ कमियाँ
किन्तु, लोकतंत्र से ही बदलेगी दुनिया
ड्रैगनिस्तान ने मचाई है चारों ओर जो मारकाट
दुनिया पर राज करने की इसकी हसरत को पहुँचा दो मौत के घाट।
-सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला, स्वतंत्र पत्रकार, देहरादून।