हरेला पर्व पर संकल्प लेना चाहिए की सभी को एक पौधा जरूर लगाना चाहिए – रणवीर सिंह चौहान
देहरादून-उत्तराखंड में पर्यावरण संरक्षण को संस्कृति से जोड़ने के लिए पारंपरिक पर्व हरेला को आज अभियान के रूप में मनाया गया । देहरादून के सिटी पार्क में एमडीडीए ने बृहत् अभियान चलाकर ५०० पौधों का वृक्ष रोपण किया। उक्त अभियान में छायादार एवं फल-फूलदार वृक्ष थे जिनको उनकी प्रजाति के अनुशार रोपित किया गया। एमडीडीए के उपाध्यक्ष रणबीर सिंह चौहान ने कहा कि हरेला परंपरागत पर्व है यह हमारे संस्कार परंपरा और पर्यावरण के प्रति हमारे दायित्व को दर्शाता है ।हरियाली के महत्व को हर कोई समझता है। उन्होंने कहा कि प्रकृति के चक्र को मजबूत बनाने ,जल जमीन जंगल स्वास्थ्य को बचाने के लिए हम पेड़ों का महत्व समझते हैं इसलिए हमारे बुजुर्गों ने ऐसे पर्व मनाने की परंपरा शुरू की थी । हरेला पर संकल्प लेना चाहिए की सभी को कम से कम एक पौधा जरूर लगाना चाहिए इसी क्रम में एमडीडीए ने भी देहरादून के सिटी पार्क में आज ५०० पौधे लगाए हैं।
मौके पर मौजूद मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के सचिव जीसी गुणवंत ने बताया कि प्रकृति पूजन का प्रतीक हरेला लोक पर्व आज मनाया जा रहा है हरेले से ही सावन मास और वर्षा ऋतु का आरंभ माना जाता है हरेला के तिनकों को इष्ट देव को अर्पित कर अच्छे धन-धान्य दुधारू जानवरों की रक्षा और परिवार व मित्रों की कुशलता की कामना की जाती है। हरेले की पहली शाम देखकर पूजन की परंपरा भी निभाई जाती है। ५ -७ अनाजों को मिलाकर हरेले से ९ दिन पहले दो बर्तनों में उसे बोया जाता है जिसे मंदिर के कक्ष में रखा जाता है इस दौरान हरेले को जरूरत के अनुरूप पानी दिया जाता है २ से ३ दिन में हरेला अंकुरित होने लगता है सूर्य की सीधी रोशनी से दूर होने के कारण हरेला यानी अनाज की पत्तियों का रंग पीला होता है’।
’एमडीडीए के उद्यान अधिकारी ए आर जोशी ने बताया कि यह हमारा पारंपरिक त्यौहार भी है और इससे’ ’वृक्षारोपण कर प्रकृति के क्षेत्र में भी अच्छा काम किया जा सकता है यह मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण का प्रयास है जो आगे भी चलता रहेगा जिस पौधे को विभाग ने लगाया है उसकी जिम्मेदारी विभाग के अधिकारी समय-समय पर आकर पौधे की साफ-सफाई और सुरक्षा के उपाय भी देखेंगे का प्रयास करेंगे ।