चम्पावत (संवाददाता)। टनकपुर शहर के विभिन्न होटलों और ढाबों में बाल श्रम करवाया जा रहा है। व्यापारिक प्रतिष्ठानों में काम करने वाले बच्चों से बोझा तक ढुलवाया जा रहा है। वहीं शारदा नदी में खनन कार्य में लगे मजदूरों के बच्चे भी परिजनों के साथ हाथ बंटा रहे हैं। लोगों का कहना है कि श्रम प्रवर्तन विभाग के पास प्रतिष्ठानों में छापेमारी करने की भी फुर्सत नहीं है, जिसके चलते बाल श्रम पर पाबंदी नहीं लग पा रही है। शहर के 40 प्रतिशत होटलों, ढाबों और रेस्टोरेंटों में कायदे कानून को ताक पर रखकर धड़ल्ले से बाल श्रम करवाया जा रहा है। कई होटल स्वामी अपने प्रतिष्ठानों में कार्यरत बच्चों से गैस सिलेंडर ढुलवाने से लेकर पोछा लगाने और वर्तन साफ करवाने का काम कर रहे हैं। उधर शारदा नदी के अप और डाउन स्ट्रीम में बाहर से आकर खनन कार्य कर रहे मजदूरों के बच्चे भी जान जोखिम में डालकर अपने परिजनों का हाथ बंटा रहे हैं। श्रम प्रवर्तन विभाग बाल श्रम को रोकने के लिए पुख्ता कदम नहीं उठा रहा है। पिछले वर्ष जून माह में श्रम प्रवर्तन अधिकारी मीनाक्षी भट्ट ने विभिन्न व्यापारिक प्रतिष्ठानों में छापेमारी कर चार नाबालिक बच्चों को छुड़वाया था। तब से लेकर अब तक विभाग की ओर से इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है।
Check Also
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने सड़क हादसे में मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर गहरी शौक संवेदना प्रकट की
-नेशनल वार्ता ब्यूरो देहरादून । कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी अपने 05 दिवसीय केदारनाथ उप चुनाव …