झारखंड के साहिबगंज में अवैध खनन का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की जांच में है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सीबीआई ने कहा कि इन लोगों पर कार्रवाई शिकायतकर्ता बिजय हांसदा को धमकी देने के मामले में आरोप लगाए गए हैं।
प्राकृतिक संपदा की चोरी किस व्यक्ति और कहां हो रही है
रिपोर्ट के अनुसार, पूरा मामला गैरकानूनी खनन से जुड़ा है। सीबीआई ने पंकज मिश्रा, संजय यादव, पवित्र कुमार यादव और पांच अन्य आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। CBI ने इन पर साहिबगंज (झारखंड) में प्राकृतिक संपदा की चोरी का आरोप लगाया है।
सीबीआई ने मुख्य गवाह को धमकी देने का आरोप लगाया
नींबू पहाड़ों में अवैध उत्खनन का मामला सामने आया है, जहां पत्थर का अवैध उत्खनन लगातार हो रहा है। पूरी बात लगभग एक हजार करोड़ रुपये की है। स्थानीय लोगों को इस पर नकेल कसने की मांग करने वालों को धमकी भी दी गई है। इस मामले में मुख्य गवाह बिजय हांसदा ने धमकी देने का आरोप लगाया है। मीडिया रिपोर्ट्स कहती हैं कि वह अपनी गवाही से पलट गया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने हंसदा की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
पूरे मामले की जांच दो केंद्रीय एजेंसियों को करनी है
मुख्य गवाह बिजय हांसदा साहिबगंज में हुई कथित चोरी के मामले में थे, लेकिन प्रवर्तन निदेशालय की जांच शुरू होने से पहले ही उनका पलटना बड़ी चुनौती है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अवैध खनन मामले में ED अब पूरी जांच कर सकता है। करीब 1000 करोड़ रुपये के इस मामले में जल्द ही जांच पूरी होगी।
हाईप्रोफाइल मामला, लगभग 1000 करोड़ रुपये की चोरी का आरोप
साहिबगंज में अवैध खनन को लेकर मीडिया में आई खबरों में दावा किया गया है कि ED मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से इस मामले में झारखंड पुलिस की भूमिका की भी जांच करेगा। गवाहों को धमकी दी गई है। इस मामले में दो केंद्रीय एजेंसियों की जांच में राजनीतिक पेंच भी है। इसका कारण यह है कि हांसदा नींबू पहाड़ गांव के प्रधान हैं, जो विजयी गवाह हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा भी आरोपियों में शामिल हैं। इन लोगों पर सत्ता का दुरुपयोग करके अवैध खनन करने और धन कमाने का आरोप लगाया गया है।