शीतकाल के लिए भगवान आशुतोष के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक, Kedarnath धाम के कपाटों को बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
शनिवार को दोपहर बाबा केदार के क्षेत्रपाल भगवान भुकुंड भैरवनाथ की अंतिम पूजा इसके तहत की जाएगी। बाबा केदार की सांयकालीन आरती भी बंद हो जाएगी।
याद दिलाना चाहिए कि भैयादूज पर्व पर श्रीकेदारनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद रहेंगे। शनिवार दोपहर एक बजे से, समुद्रतल 11,750 फीट की ऊंचाई पर स्थित Kadarnath धाम के क्षेत्रपाल और रक्षक भकुंड भैरवनाथ की विशेष पूजा-अर्चना शुरू होगी।
इस दौरान देश की समृद्धि के लिए पूजा-अर्चना की जाएगी। दोपहर तीन बजे भगवान भुकुंड भैरव की इस वर्ष की आखिरी पूजा होगी। शीतकाल में पूजन बंद हो जाएगा।
यही नहीं, Kedarnath मंदिर में भी लोग दोपहर 12 बजे तक ही बाबा केदार को देख सकेंगे। भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर फिर से बंद हो जाएगा। मंदिर का गर्भगृह साफ होगा।
दोपहर एक बजे मंदिर के मुख्य पुजारी शिवलिंग, धर्माचार्य, वेदपाठी, अधिकारी-कर्मचारी और भैरवनाथ के तीर्थपुरोहित भैरव शिला के लिए प्रस्थान करेंगे। धार्मिक रिवाजों का पालन करते हुए वर्ष की अंतिम पूजा दोपहर तीन बजे भैरवनाथ मंदिर में होगी। भक्त शाम चार बजे से Kedarnath मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे।
श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि भगवान भकुंड भैरव की पूजा बंद होने के उपरांत भी केदारनाथ की यात्रा जारी रहेगी।
15 नवंबर को भैयादूज पर्व पर मंदिर के कपाट बंद रहेंगे।