न सिर्फ गाजियाबाद-नोएडा, बल्कि उत्तर प्रदेश के पूरब से पश्चिम तक के कई क्षेत्रों की हवा बुरी तरह से प्रदूषित हो गई है। इन क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता लाल और नारंगी हो गई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक है, जबकि कुछ इलाकों में गंभीर होने के करीब है।
प्रदेश के सर्वाधिक प्रदूषित शहर
नोएडा 406 (सुर्ख लाल)
गाजियाबाद 396 (लाल)
ग्रेटर नोएडा 394 (लाल)
मेरठ 368 (लाल)
हापुड़ 364 (लाल)
मुजफ्फरनगर 278 (नारंगी)
लखनऊ 271 (नारंगी)
गोरखपुर 277 (नारंगी)
कानपुर 251 (नारंगी)
पछुआ की समस्या
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि प्रदूषक तत्व पश्चिम से पूरब की ओर चले गए हैं। आईसीआर के पूर्व वैज्ञानिक एससी बर्मन ने कहा कि इस मौसम में प्रदूषण बढ़ना स्वाभाविक है। गर्मियों की हवा में अधिक तापमान और घनत्व होता है, इसलिए प्रदूषण के कण वातावरण की ऊपरी सतह तक पहुंचते हैं। इसके विपरीत सर्दियों में होता है। विशेष रूप से, धूल-धुआं और वाहनों की लगातार बढ़ती संख्या से हालात बदतर होते जा रहे हैं।