नई दिल्ली । नोबेल पुरस्कार विजेता और प्रख्यात अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन की मौत को लेकर एक फर्जी ट्वीट से मंगलवार को हड़कंप मच गया। 89 वर्षीय भारतीय अर्थशास्त्री ठीक हैं और अपने परिवार के साथ हैं। उनकी मौत की अफवाह अमेरिकी अर्थशास्त्री क्लाउडिया गोल्डिन के नाम से बने एक फर्जी ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट के बाद उड़ी थी। बता दें कि इस साल यानी २०२३ नोबेल अर्थशास्त्र का पुरस्कार आर्थिक इतिहासकार क्लाउडिया क्लाउडिया गोल्डिन को मिला है।
बाद में क्लाउडिया गोल्डिन के नाम से बने ट्विटर हैंडल ने खुद ट्वीट कर लिखा कि ये फर्जी अकाउंट है। ट्वीट करते हुए लिखा गया, “यह अकाउंट इटालियन पत्रकार टोमासो डेबेनेडेटी द्वारा बनाया गया फर्जी अकाउंट है।” टोमासो डेबेनेडेटी एक इतालवी लेखक और रोम में एक स्कूल शिक्षक हैं जो फर्जी खबरें लिखने के लिए जाने जाते हैं।
फर्जी ट्वीट वायरल होने के बाद खुद अमर्त्य सेन के परिवार ने उनकी मौत की अफवाहों का खंडन किया है। अमर्त्य सेन की बेटी नंदना देब सेन ने अपने पिता नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन की मौत की खबर से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि अफवाहों पर ध्यान न दें। अमर्त्य सेन के निधन की खबर झूठी है।
डॉ. अमर्त्य सेन की उल्लेखनीय उपलब्धियों और अभूतपूर्व कार्यों ने दुनिया पर एक अमिट छाप छोड़ी है, जिससे उन्हें व्यापक प्रशंसा और सम्मान मिला है। ३ नवंबर, १९३३ को पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन में जन्मे सेन की शैक्षणिक यात्रा दुनिया भर के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों से होकर गुजरी। अमर्त्य सेन के अर्थशास्त्र में योगदान के लिए उन्हें १९९८ में आर्थिक विज्ञान में नोबेल पुरस्कार मिला था।
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