आगरा में अवैध कब्जा हटाने गई पुलिस-प्रशासन की टीम पर राधास्वामी सत्संग सभा के सत्संगियों ने हमला बोला। सत्संगियों ने पुलिस को चारों ओर से घेरकर लाठी-डंडे और पत्थर फेंका। सीओ और कई पुलिसकर्मी सहित चालिस लोग घायल हो गए। बुलडोजर, ट्रक और ट्रैक्टर को चोट लगी। हमलावरों ने कंटीले हथियार लाए थे।
सत्संगियों की सेना पुलिस पर टूट पड़ी, दयालबाग के वरिष्ठ पदाधिकारी का एक इशारा। द्वार के पास ई-रिक्शा में बैठे अधिकारी का संकेत मिलते ही पुलिस पर पथराव हुआ। रविवार शाम को पुलिस पर हुए पथराव के बाद सोशल मीडिया पर यह वीडियो पोस्ट होने पर लोग चौंक उठे।
प्रशासन को भी आध्यात्मिक और धार्मिक संस्था के रूप में पंजीकृत राधास्वामी सत्संग सभा के अध्यक्ष का यह वीडियो मिल गया है। सत्संग सभा की महिला सदस्यों ने सेना की तरह की वर्दी पहनकर आपस में लाठियां भांजती हुई रविवार शाम को दयालबाग में टेनरी के पास गेट हटाने के लिए पहुंचे।
पुलिस केवल गेट के बाहर खड़ी रही। वरिष्ठ अधिकारी ने इस बीच बैटरी चालित ई-रिक्शा में सवार होकर गेट के पास कंटेनर से बने आफिस पर पहुंचकर महिलाओं को आगे बढ़ने का संकेत दिया। सत्संग सभा के पदाधिकारियों ने इसके बाद महिला सदस्यों को पथराव करने का आदेश देना शुरू कर दिया।
यह संकेत मिलते ही, महिला सदस्यों ने गेट पर तैनात पुलिसकर्मियों पर लाठियों से हमला किया। यह वीडियो देर रात तक शहर के सोशल मीडिया और WhatsApp ग्रुपों पर वायरल होता रहा। जिसने भी इस वीडियो को देखा, वह इन इशारों को देखकर हैरान रह गया।
रविवार सुबह सत्संगों के लिए WhatsApp पर भड़काऊ संदेश वायरल किए गए, जो शाम को दयालबाग में छह गेट टूटने के बाद वायरल हुआ था। सुबह संदेश आया और शाम को टेनरी गेट नंबर 8 को हटाने पहुंची पुलिस ने सत्संगियों पर हमला कर दिया। पथराव में लगभग चालिस लोग घायल हो गए थे।
सुबह ही सोशल मीडिया पर भेजे गए संदेश से स्पष्ट था कि वे गुस्से में हैं। दिलों में जल रही आग का जवाब कहीं तो मिलेगा। शहर के अन्य लोगों के मोबाइल फोनों पर भी यह संदेश फैल गया। इस संदेश को देखने के बाद भी पुलिस और एलआईयू ने इसे नजरअंदाज कर दिया।
संदेश में कहा गया है कि सत्संग सभा एक दीवार और कुछ गेटों से टूटने वाली नहीं है। दयालबाग अविच्छिन्न है। कोई प्रशासनिक कार्रवाई उसका क्या नुकसान पहुंचा सकती है? सत्संगियों के दिलों में क्रोध है, इसलिए कहीं तो प्रतिकार होगा। टूटने वालों को वक्त ने जेल में डाल दिया।
वायरल संदेश में कहा गया है कि सत्संगियों का क्रोध भड़क रहा था। दिलों में आग है। कहीं बाहर निकलेगी। यह संदेश मोबाइल पर आने के बाद ही सत्संगी एकत्र हो गए और पुलिस पर पथराव करने लगे।
रविवार की शाम को आगरा में राधास्वामी सत्संग सभा दयालबाग के गेट को तीसरी बार हटाने पहुंची पुलिस-प्रशासन की टीम पर सत्संगियों ने हमला किया, जिसमें 12 पुलिस कर्मियों समेत 40 लोग घायल हो गए। पुलिस को चारों ओर से घेरकर पथराव किया, जिसमें बारह पुलिसकर्मी और चालिस घायल हो गए।
शनिवार को प्रशासन ने टेनरी पर गेट नंबर 8 और श्मशान घाट रोड पर बनी दीवार और गेट को ढहाया था. दो बार ढहाने के बाद रात में सत्संगियों ने गेट पर तार लगा दिए। नगर निगम का बुलडोजर, ट्रक और ट्रैक्टर पथराव में चोट लगी।
इस मामले में सत्संगियों के खिलाफ भी प्रशासन और पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। सत्संग सभा को शाम को अपने दस्तावेज दिखाने के लिए सोमवार तक का समय मिला है। शनिवार को, जिला प्रशासन ने दयालबाग में राधास्वामी सत्संग सभा की ओर से सड़कों को घेरकर छह गेट तोड़े। 16 बीघा 9 बिस्वा जमीन खाली कर दी गई।
रात में सत्संग सभा ने फिर से गेट खोले, कंटीले तारों की बाड़ लगा दी। सत्संगियों को रविवार सुबह गेट नंबर 8 टेनरी पर पहुंचने के लिए संदेश भेजा गया था। शाम को चार बजे पुलिस फिर से गेट तोड़ने पहुंची तो हजारों लोग पहुंचे। कई लोग धारदार कंटीले हथियार था। सत्संगियों ने बुलडोजर की ओर भागने लगे। सत्संगियों ने महिलाओं और बच्चों को आगे रखकर प्रशासन और पुलिस पर पत्थर बरसाए।