सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला (वीरेन्द्र देव गौड़) एवं एम0एस0 चौहान
मुम्बई एक्सप्रेस वे का कुछ हिस्सा बन कर तैयार है। बाकी हिस्सा लगभग एक साल में तैयार हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी ने बीते दिवस यानी रविवार को राजस्थान के दौसा में पहले हिस्से का उद्घाटन किया। दिल्ली मुम्बई एक्सप्रेस वे का यह हिस्सा दिल्ली-दौसा-लासोट तक बन कर तैयार है। इसी हिस्से का प्रधानमंत्री ने लोकार्पण किया है । यह ऐसा एक्सप्रेस वे है जो हमें दिल्ली से मुम्बई बहुत जल्दी पहुँचा देगा। इस खण्ड की लम्बाई 246 किमी है। इसके फलस्वरूप जयपुर और दिल्ली के बीच का समय आधा रह जाएगा। दिल्ली से मुम्बई भी बहुत कम समय में पहुँचा जाएगा। सुबह 6 बजे आप दिल्ली से निकलेंगे तो शाम को 6 बजे तक मुम्बई पहुँच जाएंगे। यही है इस एक्सप्रेस वे की खासियत। यह एक्सप्रेस वे उन्नत तकनीकि से बना है और बहुत आरामदेय बताया जा रहा है। किसी भी देश की आर्थिक उन्नति के लिए अच्छी सड़कोें का होना अनिवार्य है। प्रधानमंत्री मोदी के शासनकाल में ऐसी सड़के बन रही हैं जो अमेरिका और ब्रिटेन की सड़कों से मुकाबला कर सकती हैं। इन सड़कों के निर्माण से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। यात्रियों का समय बचेगा। ढुलान और यात्री वाहन कम समय में सुरक्षित अपने-अपने गंतव्य स्थलों तक पहुँच सकेंगे। नए भारत की सूरत बदल रही है। संसार में पाँचवे नम्बर की आर्थिक शक्ति भारत है और भारत में सड़कों का अधिक से अधिक उन्नत होना जरूरी है। ऐसे में सुरक्षा के साथ-सार्थ ईंधन की बचत भी होगी। नितिन गडकरी ने सार्वजनिक रूप से कह दिया है कि 2024 तक भारत सड़कों के मामले में अमेरिका की बराबरी कर लेगा। यह बात सही है कि मोदी सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्रों में भी अच्छी सड़कों का जाल बिछा दिया है। टिकाऊ और दूरगामी सुरंगों का निर्माण कर दिया है। पिछले 9 सालों में भारत ने बहुत आर्थिक प्रगति की है। इसका असर धीरे-धीरे दिखाई देगा। अच्छी सड़कों से आर्थिक प्रगति तो होती ही है साथ में राष्ट्र की सुरक्षा भी मजबूत होती है। बाहरी शत्रुओं से निपटने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों और सुरंगों का नेटवर्क अच्छा होना चाहिए। केन्द्र सरकार ने इस बात का पूरा ध्यान रखा है। आने वाले दो सालों में भारत आर्थिक रूप से और अधिक मजबूत हो जाएगा। इसी गति से काम होता रहा तो भारत संसार में चौथे नम्बर की आर्थिक शक्ति बन जाएगा। भारत को आर्थिक शक्ति बनाने के लिए दूरदर्शी नेताओं की आवश्यकता है। इस समय केन्द्रीय स्तर पर हमारे पास ऐसे नेता हैं जो राजनीति से अधिक राष्ट्रनीति पर फोकस रखते हैं।
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