हरिद्वार (संवाददाता)। भेल में टस्कर हाथी ने एक और व्यक्ति की जान ले ली। बुधवार तड़के करीब चार बजे हाथी ने बिजनौर निवासी एक भेलकर्मी को मार डाला। मॉर्निंग वॉक पर निकले लोगों ने भेलकर्मी का शव देखकर पुलिस को सूचना दी। घटना के बाद भेल टाउनशिप व आसपास के क्षेत्रों में टस्कर हाथी को लेकर लोगों में खौफ बना हुआ है।
पुलिस के मुताबिक, मूल रूप से मोहल्ला अदबपुर, धामपुर, जिला बिजनौर, उत्तर प्रदेश निवासी भेलकर्मी विरेंद्र ङ्क्षसह पुत्र निहाल ङ्क्षसह पूर्व सैनिक हैं। कुछ साल पहले वह पूर्व सैनिक कोटे से भेल में भर्ती हो गए थे। उनकी पत्नी मृदुला धामपुर, बिजनौर में सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं। जबकि बेटा कपिल देहरादून में पढ़ाई कर रहा है। विरेंद्र ङ्क्षसह भेल टाउनशिप में ही सेक्टर एक के टाइप टू, बी कलस्टर में आवास नंबर-632 में रहते थे। बुधवार को उन्हें बेटे के किसी काम से सहारनपुर जाना था। तड़के करीब सवा चार बजे बजे उनकी ट्रेन थी। इसके लिए वह लगभग चार बजे अपने कमरे से रेलवे स्टेशन जाने के लिए निकले। आर्य समाज मंदिर के पास टस्कर हाथी ने हमला कर विरेंद्र ङ्क्षसह, 52 वर्ष को मार डाला। मॉर्निंग वॉक पर निकले लोगों ने सड़क किनारे शव देखकर पुलिस को सूचना दी।
तब पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शिनाख्त की। घटनास्थल को देखकर यह माना जा रहा है कि हाथी ने भेलकर्मी को दौड़ाया होगा। तब उन्होंने भागकर बचने की कोशिश भी की, पर हाथी से वह बच नहीं सके। रानीपुर कोतवाल साधना त्यागी ने परिजनों को सूचना देते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। वन विभाग की टीम ने भी मौका मुआयना किया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।
भेलकर्मी को मारने वाले टस्कर हाथी ने इसी साल की शुरूआत में दो लोगों को मार डाला था। 14 जनवरी को हाथी ने टिबड़ी निवासी जयराम और 17 जनवरी को फैक्ट्री कर्मचारी अजीत की जान ले ली थी। इनके अलावा जानलेवा हमले की अनगिनत वारदातें सामने आई थी। वन विभाग ने खासी मशक्कत के बाद टस्कर को पकड़कर जंगल में छोड़ा था। अब एक बार फिर टस्कर ने भेल टाउनशिप व आसपास की कॉलोनियों में रहने वाले लोगों की धड़कन बढ़ा दी है। खासतौर पर मॉर्निंग वॉक पर जाने वाले लोग और भेल सहित सिडकुल की फैक्ट्रियों से रात के समय ड्यूटी पर आने-जाने वाले कर्मचारियों में दहशत बनी हुई है।
घटना की सूचना पर वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची। लोगों ने उन्हें जमकर खरी-खोटी सुनाई। साथ ही आरोप लगाया कि वन विभाग लापरवाही बरतकर लोगों की जान खतरे में डाल रहा है। रामेश्वर प्रसाद, सीता राम, अजीजुल खान, कांता देवी का कहना है कि रोजाना तड़के मॉर्निंग वॉक के दौरान टस्कर हाथी का खौफ बना रहता है कि कब, किस मोड़ पर खूनी हाथी से सामना हो जाए। उन्होंने कहा कि जब तक हाथी दो-चार लोगों को मौत के घाट नहीं उतार देता, तब तक हाथी को नहीं पकड़ता। उन्होंने जल्द हाथी को पकड़कर दूर जंगल में छोडऩे की मांग की।
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