सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित-
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)
प्रयाग राज से उठी धर्मनिष्ठा की चिनगारी
भक्तों के मन में करवट लेगी
राम-कृष्ण प्रदेश के हर मन में
जय श्री राम की मिसरी घोलेगी
राम-विरोधियों का मन धोदेगी
बाबा तुलसी की आत्मा बोलेगी
बाबा सूरदास के मन के भेद खोलेगी
मोदी-योगी की तपस्वी काया में
मां दुर्गा-भवानी शक्ति भर देगी
देवादिदेव के तीसरे नेत्र से निकलेगी
प्रचंड जोत की ज्वाला दहकेगी
भारत की पावन धरती डोलेगी
राम-कृष्ण प्रदेश के नामकरण संस्कार की शुभ बेला में
राम-कृष्ण के गगनभेदी जयकारों से
आकाशगंगा तक भावुक हो बोलेगी
जय राम-कृष्ण प्रदेश जय भारत देश
जय जय त्रेता-द्वापर युग जय अद्भुत श्री गणेश।
श्री योगी जी इतिहास की धारा निर्मल कर दो
मुख्यमंत्री पद में ऐसी गरिमा भर दो
महान भारतीय परम्परा के योगी कुछ ऐसा कर दो
अपने श्रेष्ठ प्रयासों में देश प्रेम का प्रभो रंग भर दो
श्री राम की लाचारी सदियों की हर दो
आप हैं अन्तिम आसरा यह समझ लो
प्रदेश का नाम अर्थहीन बदल दो
राम-कृष्ण के आंगन को जगमग कर दो
श्रीराम मन्दिर निर्माण का पथ निष्कंटक कर दो
श्री अयोध्या धाम की इस दीपावाली में श्री राम युग की याद ताजा कर दो
जय गुरु गोरखनाथ जय भोले शंकर यह वर दो।
-इति