बप्पी लहरी का अमर युग
27 नवम्बर 1952-15 फरवरी 2022
-नेशनल वार्ता ब्यूरो-
डिस्को डांसर, हथकड़ी, आँगन की कली, वारदात, नमक हलाल, मास्टर जी, डांस-डांस, हिम्मतवाला, जस्टिस चौधरी, मकसद, कमाण्डो, नौकर बीवी का, अधिकार और शराबी जैसी चर्चित फिल्मों को अपने नायाब संगीत से सजाने वाले बप्पी लहरी शरीर छोड़ कर चले गए। सोने की मोटी जंजीरों से दमकने वाले बप्पी पहनावे के बड़े शौकीन थे। सरसों के फूलों वाले रंग के सोने की जंजीरों से घिरा उनका चेहरा सदा मुस्कान से दमकता रहता था। उन्होंने पश्चिमी संगीत और भारतीय संगीत को मिलाकर एक नया सफल प्रयोग किया। लोगों ने उनके इस प्रयोग को सराहा। सिनेमा प्रेमी बप्पी लहरी का नाम सुनते ही सिनेमा घरों की ओर लपक पड़ते थे। दो पीढ़ियों को उन्होंने अपना मुरीद बनाकर रखा। मिथुन दा वाली फिल्म डिस्को डांसर की सफलता का श्रेय मूल रूप से बप्पी साहब को ही जाता है। इस फिल्म ने बम्बइया फिल्मों के ट्रेंड को बदल कर रख दिया। बड़े-बड़े फिल्म स्टारों वाली फिल्मों में उनके संगीत ने धूम मचा दी। उनकी गर्दन से लटकते चमकते सोने की चमक उनके संगीत से सजी फिल्मों में भी मौजूद है। बप्पी जी का जन्म पश्चिम बंगाल में जल्पाईगुड़ी नामक जगह पर हुआ था। बचपन से ही इन्हें संगीत का शौक था। इन्होंने अपने हुनर को अपने ही अंदाज में तराशा। हिन्दी फिल्मों के साथ-साथ बंगाली, तमिल, तेलगू, कन्नड़ और गुजराती फिल्मों में भी इन्होंने संगीत दिया। इनके गायन को भी खूब सराहा गया। बप्पी लहरी डिस्को को भारत में लोकप्रिय बनाने के लिए याद किए जाते रहेंगे। इनका मूल नाम अलोकेश लाहिड़ी था। -सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला (वीरेन्द्र देव), पत्रकार,देहरादून।