china’s galwan type aggression can not denied
आस्ट्रेलिया क्लैक्सन अखबार बोला
-नेशनल वार्ता ब्यूरो-
ऑस्ट्रेलिया के क्लैक्सन अखबार ने अपनी लम्बी पड़ताल के बाद खुलासा किया है कि 15 जून 2020 की मध्य रात्रि में भारत और चीन के बीच सैनिकों की झड़प में चीन को भारी क्षति पहुँची थी। इस खोजी अखबार ने दावा किया है कि चीन हताहत हुए अपने सैनिकों की संख्या छिपा रहा है। भारत ने शुरू से ही जोर देकर कहा है कि चीन के 40 से ज्यादा सैनिकों ने मुठभेड़ में अपने प्राण गँवाए। चीन मेें साम्यवादी (communist) शासन है। साम्यवादी शासन में पत्रकारिता (press) पर कड़ा नियंत्रण होता है। वहाँ सरकार की अनुमति (permission) के बिना समाचार बाहर नहीं आते। वहाँ की सरकार का मुख पत्र (mouth piece) ग्लोबल टाइम्स (global times) चाइना की कम्यूनिस्ट पार्टी का प्रोपेगैंडा टूल (propaganda tool) है जिसे समाचारों का स्रोत (source) नहीं माना जा सकता है। पहले चीन ने कहा उनका कोई सैनिक नहीं मारा गया। कुछ माह बाद चीन ने कहा 5 मारे गए। जब चीन के कुछ सामाजिक हलकों में असंतोष फूटा तो बात सामने आई कि इनके कई सैनिक मारे गए थे। चीन की सत्ता सफाई तक नहीं दे सकी। ऐसी सूरत में ऑस्ट्रेलिया के अखबार की रिपोर्ट भारत के पक्ष को ही सही साबित कर रही है। चीन ने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत के हाथों करारी शिकस्त का स्वाद चखा था। चीन द्वारा धोखे से किये गये रात्रि के अंधेरे में इस हमले में भारत ने अपने 20 पराक्रमी सैनिकों को खोया जिसमें कर्नल संतोष बाबू भी शामिल हैं। किन्तु चीन को उसकी धोखाधड़ी का सटीक जवाब दे दिया गया था। कई राउण्ड की अधिकारिक वार्ता के बाद भी चीन का रवैया वही है। चीन ने फिर ऐसी कोई कायराना हरकत की तो भारत फिर पलटकर वैसा ही करारा जवाब देगा।