-जीवन कौशल प्रशिक्षण की समुदाय में शुरूआत
-काले की ढ़ाल के किशोर-किशोरियों ने किया सहभाग
-ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस और यूएनएफपीए के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित
-अपने सपनों को पहचानना और लक्ष्य की ओर बढ़ना’ इस हेतु प्रयासपना के चार कदम के साथ यात्रा
श्रेष्ठ लक्ष्य-श्रेष्ठ समाज- पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन द्वारा जीवन कौशल प्रशिक्षण के प्रथम चरण की शुरूआत काले के ढ़ाल के किशोर-किशोरियों के साथ शुरू की। ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस और यूएनएफपीए के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित 1 माह का दिया जा रहा हैं ताकि समुदाय के बच्चे शिक्षा के साथ आगे बढ़ने के लिये सपने देखें और उन्हें पूरा करने के लिये आगे बढ़ते रहे और अपने लक्ष्य को प्राप्त करे ताकि अपने और अपने समाज का विकास कर सके।
जीवा के फिल्ड ऑफिसर रामचन्द्र शाह, राकेश रोशन और राजेश चन्द्रा के नेतृत्व में फैसिलिटेटर्स कि रूप में काले की ढ़ाल की नमिता, शीतल, रानी और अश्मित द्वारा प्रयास अपना पाठ्यक्रम मैनुअल से वहां के किशोर-किशोरियों के साथ मिलकर इस प्रशिक्षण की शुरूआत की।
फैसिलिटेटर्स द्वारा व्यक्तिगत और समुदाय स्तर पर स्वस्थ आदतों को विकसित करने के साथ ही सभी अपने सपनों की ओर चरणबद्ध ढंग के किस प्रकार आगे बढ़े कि लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके इस हेतु प्रशिक्षित किया। फैसिलिटेटर्स द्वारा सफलता की कहानियां केस स्टडीज, फील्ड की कहानियाँ एवं अन्य इंपैक्ट टूल्स के माध्यम टीन क्लब स्टेटस शीट और स्वास्थ्य सर्वे के माध्यम से संकेतक सीखना, व्यक्तिगत कार्रवाई, सामाजिक, सामुदायिक कार्रवाई के माध्यम से गांव और समुदाय को स्वस्थ बनाने हेतु प्रशिक्षित किया गया।
जीवन कौशल प्रशिक्षण कोविड-19 के बाद वर्तमान समय में बच्चों का ध्यान शिक्षा की तरफ से थोड़ा हटा है साथ ही बेरोजगारी एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है। इस समस्या के समाधान के लिये कौशल विकास प्रशिक्षण को बढ़ावा देना होगा। साथ ही युवाओं को शिक्षा के साथ ही कौशल यस्किलद्ध से भी जोड़ना बहुत जरूरी है। युवाओं को स्कूली स्तर पर ही व्यावसायिक शिक्षा के प्रति जागरूक करना होगा और विभिन्न कौशल विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर भी कार्य करना होगा।
युवाओं में उद्यमशीलता की भावना को विकसित करने के साथ.साथ उन्हें अपने और समुदाय के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना नितांत आवश्यक है। जीवन कौशल पर आधारित इस नए पाठ्यक्रम के माध्यम से युवा वर्ग की कार्य कुशलता और सामूहिक दक्षता में सुधार करना आवश्यक है। साथ ही स्वस्थ आदतों को विकसित कर स्वस्थ समाज का निर्माण करता अत्यंत आवश्यक है।
किशोर-किशोरियों ने जीवा के विशोषज्ञों के साथ स्वस्थ समुदाय की शपथ ली।