टोक्यो पैरालंपिक : टोक्यो पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी कड़ी में अब नाम जुड़ गया है नोएडा के डीएम और बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास यतिराज का. पुरुष सिंगल्स बैडमिंटन एसएल-4 स्पर्धा के ग्रुप मैच में अपना दबदबा कायम रखते हुए सुहास ने आसान जीत दर्ज की है. सुहास देश के पहले IAS अफसर हैं जो टोक्यो पैरालंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. सुहास के आईएएस बनने से लेकर पैरालंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने की कहानी बेहद प्रेरणादायक है.कर्नाटक के छोटे से शहर शिगोमा में जन्मे सुहास एलवाई ने अपनी किस्मत को अपने हाथों से लिखा है. पैर खराब होने के बावजूद बचपन से ही को खेल को लेकर बहद दिलचस्पी रखने थे. उन्हें पिता और परिवार का भरपूर साथ मिला. पैर पूरी तरह फिट नहीं था तो समाज के ताने उन्हें सुनने को मिलते रहे, लेकिन पिता और परिवार चट्टान की तरह उन तानों के सामने खड़े रहे और कभी भी सुहास का हौंसला नहीं टूटने दिया.सुहास की शुरुआती पढ़ाई गांव में हुई तो वहीं सुरतकर शहर में उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी से कम्प्यूटर साइंस में इंजिनियरिंग पूरी की. पिता की नौकरी ट्रांसफर वाली थी, इसलिए सुहास की पढ़ाई शहर-शहर घूमकर होती रही. कंप्यूटर इंजिनियरिंग के बाद उन्होंने बैंगलोर की इस कंपनी में नौकरी कर ली.सुहास ने नौकरी तो शुरू कर ली, लेकिन बार-बार ये कसक मन में उठ रहा था कि अगर इस जीवन में समाज के लिए कुछ नहीं किया तो क्या किया.
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