कटे हाथ तूने
त्रिपुरा मेघालय गुजरात हिमाचल में
कमल को तोड़ने के चक्कर में
अपने ऊपर कीचड़ पोत डाली।
देश को कश्मीर के रूप में
जिहादी अलगाववाद का तोहफा देने वाले कटे हाथ
तूने मोदी की कर्नाटक में जीत की संभावना से बौखलाकर
राज्य को अलग झंडे की अलगाववादी भेंट देनी चाही
इस छल से तेरा मन न भरा तो तूने
लिंगायतों की अलगाववादी माँग को गले लगाकर
देश को जात-पात मजहब में बाँटने की अपनी
पुरानी परम्परा का दामन कसकर थाम लिया।
कटे हाथ तूने ही अपनी हरकतों से
मायावती के राजनीतिक पिता स्वर्गीय काँसीराम की हिन्दू-विरोधी सोच को
इस देश में परवान चढ़ाया जमकर
जिसने तिलक तराजू और तलवार
इनके मारो जूते चार की ललकार लगाकर
जात-पात के ज़हर की खेती उगाई उत्तर प्रदेश में।
जब बापू देश को आज़ाद करने के लिये
जूझ रहे थे अंग्रेजों की कमीनगियों से
तब पिछड़ों के मसीहा अम्बेडकर बापू से
उलझ रहे थे जात-पात की तलवार लेकर
जिन्नाह मुस्लिम लीग को आगे कर लड़ रहे थे
अलग देश जिहादिस्तान के लिये तब बापू से।
क्या देश के टुकड़े होने के बाद
मन भरा देश के मुसलमानों का
सत्तर साल आरक्षण का मुलायम और मीठा गन्ना चूसने के बाद
क्या मन भरा दबे कुचले गरीबों का
नहीं, यह भूख अब हवस बन चुकी है
कटे हाथ राहुल के तू वोट के लिये समाज को बाँटने का देशद्रोह मत कर।
Virendra Dev Gaur
Chief Editor