गैरसैण को राजधानी है बनाना ऐ दिल दीवाना
अठारह साल हो गए राज्य को
एक पूरी नई पीढ़ी मिल गयी राज्य को
गुजर गया एक जमाना
नहीं चाहिए
अब और कोई बहाना
बोले मेरा दिल दीवाना
बिना लाग लपेट देरी के
गैरसैंण को राजधानी है बनाना
कस्मों वादों का नहीं रहा कोई ठिकाना
अब सुन एक तराना
वादा है निभाना
देश हमारा राज्य हमारा
चारधाम वाला उत्तराखण्ड प्यारा
फिर बचता है कौन बहाना
ऐ दिल दीवाना
अब कोई रोड़ा न लगाना
धीरज के इम्तहान में माना
हम हो गए पास यह जाना
पर दिल गाता है अब गाना
गैरसैंण को राजधानी है बनाना
जायज है तराना
जायज है तराना
ऐ दिल दीवाना।
Virendra Dev Gaur
Chief Editor (NWN)