फिल्म वालो तुम्हारे लिये फिल्म कला नहीं व्यापार है
तुम्हे देश से नहीं तिजारत और छिछोरेपन से प्यार है
सरहद पर सीना ताने खड़ा सैनिक तुम्हारे लिये बेकार है
तुम लोग जिहादिस्तानी कलाकारों को गले लगाने को बेकरार है
सरहदों से लगे हमारे इलाकों में जिहादिस्तानी गोलियों-गोलों की बौछार है
सरहदों पर शहीद हो रहे सैनिकों के जनाजों की भरमार है
लानत है तुम पर फिल्मी लालाओ तुम्हारा ज़मीर लंफगा लाचार है
शहीद सैनिकों के घरों पर मातम का हाहाकार है
दौलत-शोहरत की हवस वालो तुमसे इन्सानियत की उम्मीद बेकार है
देशभक्ति के सौदागरो फिल्म बेचने के लिये देशभक्ति के तड़के लगाते हो
सैनिको के देशप्रेम पर अपनी फिल्में चलाते हो
किंतु जब-जब सैनिकों के साथ खड़ा होने की बारी आती है
तुम लोग तब-तब जिहादिस्तानी कलाकारों पर प्यार बरसाते हो
देश धर्म का पालन करने की आदत डालो फिल्मकारो
बाबुल सुप्रियो की मानो जिहादिस्तानी कलाकारों से रिश्ते तोड़ डालो।
Virendra Dev Gaur
Chief-Editor (NWN)