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एक बार फिर ग्लेशियर टूटने से मची तबाही, 8 लोगों ने अपनी जान गंवाई

देहरादून/ चमोली। उत्तराखंड के जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने से 8 लोगों की मौत हो गई है। जानकारी के मुताबिक, भारत-चीन सीमा पर उत्तराखंड स्थित नीती घाटी के सुमना में शुक्रवार को ग्लेशियर टूटने की घटना हुई। भारतीय सेना यहां लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। अबतक 291 लोगों को बचाया गया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अलर्ट जारी कर दिया। जिला प्रशासन और बीआरओ के सम्पर्क में रहकर मुख्यमंत्री हादसे की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उत्तराखंड में चमोली जनपद के जोशीमठ में ग्लेशियर टूटकर मलारी-सुमना सड़क पर गिर गया था। इस सड़क पर कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था। ग्लेशियर टूटने के बाद सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। सेना के मुताबिक, अब तक 8 शव बरामद किए जा चुके हैं और 384 लोगों को सुरक्षित बचाया जा चुका है। हालांकि अब तक जिन लोगों को बचाया गया है उनमें 6 की हालत गंभीर बताई जा रही है। सेना की सेंट्रल कमांड के मुताबिक, ये लोग जोशीमठ के सुमना इलाके में बने बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के कैंप में थे। खराब मौसम के चलते रात में रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया था। अब सुबह होते ही इसे फिर से शुरू कर दिया गया है और इस समय सेना बचाव कार्य में जुटी हुई है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि जिला प्रशासन को मामले की पूरी जानकारी प्राप्त करने के निर्देश दे दिए हैं। एनटीपीसी एवं अन्य परियोजनाओं में रात के समय काम रोकने के आदेश दे दिए हैं ताकि कोई अप्रिय घटना ना होने पाए। सीएम ने बताया कि देश के गृहमंत्री अमित शाह ने नीति घाटी के सुमना में ग्लेशियर टूटने की सूचना का संज्ञान लिया है। उन्होंने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड को पूरी मदद देने का भरोसा दिया है और आईटीबीपी को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।

नीति घाटी में मलारी बॉर्डर स्थित सुमना गाँव के निकट ग्लेशियर टूटने पर घटनास्थल के हवाई निरीक्षण के बाद भी वहां चल रहे रेस्क्यू कार्य की मैं लगातार मॉनिटरिंग कर रहा हूं। मुझे बताया गया कि सुमना में जहां ग्लेशियर टूटा, वहां बीआरओ के लगभग 400 लेबर काम कर रहे थे, जिनमें से कुल 391 लोग सेना व आईटीबीपी के कैम्पों तक पहुँच गए हैं और पूरी तरह से सुरक्षित हैं। 6 मजदूरों के मारे जाने की जानकारी मिली है जबकि 4 लोग घायल हैं।
मौके पर सेना और आईटीबीपी की टीमें तत्परता से राहत बचाव कार्य में जुटी हैं। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की कुछ टीमें भी आगे बढ़ रही हैं। जिला प्रशासन भी शुक्रवार से ही पूरी मुस्तैदी से राहत-बचाव में जुटा है। गाजियाबाद में भी एनडीआरएफ की टीमें अलर्ट मोड पर हैं।


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