छह लोग उत्तर प्रदेश के मोतीपुर कला गांव में सुरंग में फंस गए हैं। हादसा हुए आठ दिन बीत गए हैं। जैसे-जैसे दिन बीतते जाते हैं, परिजनों की चिंता भी बढ़ती जा रही है और वह सिलक्यारा पहुंचने लगे हैं। रविवार को बहुत से लोग मोतीपुर से सिलक्यारा पहुंचे।
अशोक चौधरी भी मोतीपुर कला से सिलक्यारा आया था। अशोक ने बताया कि उनका बड़ा भाई संतोष चौधरी भी सुरंग में फंसे लोगों में है। वह भाई को प्रेरित करने के लिए यहाँ आया है। उसकी बड़ी बहन ने भी कहा है कि वह अपने भाई को घर ले जाना चाहिए।
बताया कि संतोष भी रक्षाबंधन पर घर नहीं आया था। सुरंग में फंसे होने के कारण वह भाईदूज पर भी घर नहीं आ पाए थे, इसलिए उनकी बड़ी बहन लक्ष्मी उन्हें बहुत याद करती है। उन्होंने कहा कि भाई को लेकर आना चाहिए। अशोक ने कहा कि वह यहीं रहेगा जब तक भाई सुरंग से बाहर नहीं निकलेगा।
जयप्रकाश, मोतीपुर कला निवासी गन्नू का छोटा बेटा भी सुरंग में फंसा हुआ है। गन्नू ने बताया कि जयप्रकाश से पाइपलाइन पर बात हुई है; वह सिर्फ कह रहा है कि हमें जल्दी से निकाल लो। उसने अंदर फंसे लोगों को बचाने के लिए बाहर कोई कार्रवाई हो रही है या नहीं भी पूछा। पर पिता गन्नू ने रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी दी।
सुरंग में फंसे लोगों को खोजने के लिए मोतीपुर कला के लोगों के साथ गांव के पूर्व प्रधान रामजी भी सिलक्यारा पहुंचे हैं। उनका कहना था कि अधिकांश युवा चार महीने पहले यहां आए थे। क्या वे जानते थे कि इस हादसे से उनका जीवन खतरे में पड़ जाएगा?
बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने आपदा प्रबंधन विभाग में कार्यरत अरुण कुमार मिश्रा को राज्य समन्वयक बनाकर सुरंग में फंसे युवकों के परिवारों की मदद करने के लिए नियुक्त किया है।