खानपान के तरीके में कुछ बदलाव कर लें तो इस समस्या से निपटा जा सकता है। इस बदलाव का अर्थ है अपने डायट में गेंहू की खपत कम कर सब्जी और दाल को बढ़ाना। साथ ही अपने डेली फूड हैबिट में नॉनवेज को कम कर अधिक से अधिक फल जैसे- तरबूज, खरबूज, संतरा और पपीता को शामिल करना। लानसिट प्लैनेट्री हेल्थ में छपी एक नई स्टडी के मुताबिक अपने खानपान में इस तरह का बदलाव करने से न सिर्फ आप एक बेहतर और हेल्थी लाइफ जिएंगे बल्कि तेजी से घट रहे पानी के स्तर को भी नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। लंदन स्कूल ऑफ हाईजीन ऐंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के नेतृत्व में हुई एक रिसर्च में इस बात का पता चला है कि ऐसे भोज्य पदार्थ जिनके उत्पादन में कम पानी की जरूरत होती है उनकी मदद से भी भारत साल 2050 तक 1.64 बिलियन लोगों को खाना खिलाने के साथ ही ग्रीनहाउस गैस के इफेक्ट को भी कम कर सकता है।